प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर लॉन्च किया, एक नई पहल है। इस योजना की घोषणा उन्होंने 15 अगस्त 2023 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों और सेवाओं को उन्नत बनाने में मदद प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत इन कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ के रूप में मान्यता दी जाएगी, जिससे वे इस योजना के सभी लाभों के लिए पात्र होंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को निखारने के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। उन्हें आधुनिक उपकरणों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी क्षमता और उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इच्छुक लाभार्थियों के लिए बिना किसी गारंटी के ऋण और ब्याज में छूट के साथ वित्तीय सहायता का भी प्रावधान होगा।
इसके अलावा, डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और नए अवसरों तक पहुंच बनाने के लिए ब्रांड प्रमोशन और बाजार से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के काम को बढ़ाने में एक अहम कदम साबित होगी।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की संक्षिप्त जानकारी
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
योजना शुरू होने की तारीख | 17 सितंबर 2023 |
योजना किसने शुरू की | प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी |
योजना शुरू करने का स्थान | नई दिल्ली |
योजना के लाभार्थी | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
योजना के लाभ | मुफ्त प्रशिक्षण, टूल किट के लिए राशि, लोन, सर्टिफिकेट, आदि |
योजना की आधिकारिक वेबसाइट | pmvishwakarma.gov.in |
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के आवेदन के लिए योग्यता
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत शुरुआत में 18 प्रकार के कारीगरों और शिल्पकारों को इस योजना के लाभ के लिए चुना गया है। इसके अंतर्गत वे कारीगर या शिल्पकार पात्र होंगे जो स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथ और औजारों से काम करते हैं और जो निम्नलिखित 18 पारंपरिक पारिवारिक व्यवसायों में से किसी एक से जुड़े हुए हैं। ऐसे कारीगर पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकरण के लिए योग्य माने जाएंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पात्रता
इस योजना के अंतर्गत चुने गए लाभार्थियों को निम्नलिखित 18 पारंपरिक कारीगरों/ शिल्पकारों की श्रेणियों में से एक में होना चाहिए:
- बढ़ई (सुथार)
- नाव निर्माता
- कवच बनाने वाला
- लोहार (लोहार)
- हथौड़ा और टूल किट निर्माता
- ताला बनाने वाला
- सुनार
- कुम्हार
- मूर्तिकार/ पत्थर तराशने वाला/ पत्थर तोड़ने वाला
- मोची (चर्मकार)/ जूता बनाने वाला/ फुटवियर कारीगर
- मेसन (राजमिस्त्री)
- टोकरी निर्माता/ टोकरी वेवर/ चटाई निर्माता/ कॉयर बुनकर/ झाड़ू निर्माता
- गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक)
- नाई
- माला निर्माता (मालाकार)
- धोबी
- दर्जी
- मछली पकड़ने का जाल निर्माता
आयु सीमा
लाभार्थी की न्यूनतम आयु पंजीकरण की तिथि पर 18 वर्ष होनी चाहिए।
परिवार संबंधित योग्यता
लाभार्थी को पंजीकरण की तिथि पर संबंधित व्यापार में संलग्न होना चाहिए और उसने केंद्र या राज्य सरकार की किसी समान क्रेडिट-आधारित योजना जैसे पीएमईजीपी (PMEGP), पीएम स्वनिधि (PM SVANidhi), या मुद्रा (MUDRA) योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में कोई लाभ न लिया हो।
एक परिवार में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों में से केवल एक सदस्य ही इस योजना के लिए पंजीकृत हो सकता है। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के फायदे
मान्यता: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थी को एक प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिससे उन्हें ‘विश्वकर्मा’ के रूप में पहचान मिलेगी। यह प्रमाण पत्र उन्हें रोजगार के अवसरों में सहूलियत प्रदान करेगा और वे इसे नौकरी के लिए दिखा सकते हैं।
कौशल (प्रशिक्षण): प्रशिक्षण के सत्यापन के बाद लाभार्थियों को 5-7 दिनों (40 घंटे) का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इच्छुक उम्मीदवार 15 दिनों (120 घंटे) के उन्नत प्रशिक्षण के लिए भी नामांकन कर सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक दिन 500 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
टूलकिट के लिए राशि: प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लाभार्थी को 15,000 रुपये की राशि दी जाएगी, ताकि वे टूलकिट खरीदकर अपना काम शुरू कर सकें।
ऋण (लोन) सहायता: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को पहली बार 1 लाख रुपये का सिक्योरिटी-रहित उद्यम विकास ऋण दिया जाएगा, जिसे 18 महीनों में वापस किया जा सकता है। यदि पहली बार का लोन समय पर चुकाया जाता है, तो दूसरी बार 2 लाख रुपये का लोन मिल सकता है, जिसे 30 महीनों में चुकाना होगा।
इस लोन पर ब्याज की रियायती दर 5% होगी, और एमओएमएसएमई (MoMSME) द्वारा 8% ब्याज की शेष राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही, क्रेडिट गारंटी शुल्क भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, लाभार्थियों को हर महीने 1 रुपये प्रति लेनदेन का प्रोत्साहन दिया जाएगा (अधिकतम 100 लेनदेन तक)।
मार्केटिंग में सहायता: लाभार्थियों को राष्ट्रीय विपणन समिति (NCM) द्वारा गुणवत्ता प्रमाणन (Quality Certification), ब्रांडिंग और प्रचार (Branding & Promotion), ई-कॉमर्स लिंकेज (E-commerce linkage), व्यापार मेले विज्ञापन (Trade Fairs advertising) और अन्य विपणन गतिविधियों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण (Registration) कैसे करें?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया को कुछ आसान चरणों में पूरा किया जा सकता है।
- स्टेप 1: सबसे पहले, पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं। यहां पर आपको अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- स्टेप 2: इसके बाद, ओटीपी ऑथेंटिकेशन के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की सत्यापित करें।
- स्टेप 3: सत्यापन के बाद, रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें, जिसमें आपका नाम, पता और व्यापार से संबंधित जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके बाद, रजिस्ट्रेशन फॉर्म को सबमिट करें।
- स्टेप 4: रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, आप डिजिटल आईडी और विश्वकर्मा योजना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं।
- स्टेप 5: इसके बाद, अपने क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके PM Vishwakarma Yojana Portal पर लॉगिन करें। यहां आप विभिन्न योजना कंपोनेंट्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में, आपको स्कीम डिटेल के अनुसार आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
- स्टेप 6: इसके बाद, आवेदन पत्र को विचारार्थ जमा करें।
- स्टेप 7: अब आपके आवेदन का अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, आप लोन प्राप्त करने के योग्य होंगे।
अन्य महत्त्वपूर्ण योजनाएं –
FAQs
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों और सेवाओं को उन्नत करने में सहायता प्रदान करना है।
प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को क्या मिलेगा?
प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता दिया जाएगा, और उन्हें बुनियादी तथा उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।