PM VAN DHAN Yojanaप्रधानमंत्री वन धन योजना, सरकार कर रही है आदिवासी केन्द्रो की मुख्य रूप से सहायता! अब वन धन केन्द्रो को मिलेगी 15 लाख रुपये तक मदद।
प्रधानमंत्री वन धन योजना का उद्देश्य देश के वनवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और उनकी आजीविका को स्थिरता प्रदान करना है। यह योजना वन उपज पर आधारित स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करती है। प्रधानमंत्री वन धन योजना भारत सरकार के द्वारा साल 2018 में शुरू की गई थी। इस योजना का संचालन आदिवासी क्षेत्रीय वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। जो की जनजातीय क्षेत्र में वनों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए आदिवासी लोगों को सहायता प्रदान करती है। इसमें विनोपार्जन के लिए जो भी वस्तुएं आवश्यक होती हैं, वह सब सरकार कम कीमत पर देती है।
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प्रधानमंत्री वन धन योजना का मुख्य विवरण
योजना का नाम | प्रधानमंत्री वन धन योजना |
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शुरूआत वर्ष | 2018 |
उद्देश्य | वन उत्पादों से जुड़ी आजीविका में सुधार |
लक्षित समूह | जनजातीय समुदाय |
क्रियान्वयन एजेंसी | TRIFED, जनजातीय मामलों का मंत्रालय |
अनुदान राशि | 15 लाख रुपये प्रति वन धन केंद्र |
केंद्रों की संख्या | 3,000+ |
प्रधानमंत्री वन धन योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री वन धन योजना का मुख्य उद्देश्य आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की आजीविका को स्थायित्व प्रदान करना है। इस योजना का लक्ष्य उन्हें संगठित कर वन-उत्पादों के मूल्यवर्धन, ब्रांडिंग, और विपणन में प्रशिक्षित करना है। इससे न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता आएगी, बल्कि उनकी पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों का भी संरक्षण होगा।
दरअसल आज के समय में बहुत से वन काटे जा रहे हैं, जिसके कारण उनकी आय स्रोत में कमी आ रही है। इसी के साथ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे आदिवासी समुदाय की पारंपरिक कलाएं भी विलुप्त हो रही हैं। इन सभी में वृद्धि करने के लिए सरकार जोर-शोर से प्रयत्नशील है।
प्रधानमंत्री वन धन योजना के लाभ
योजना के अंतर्गत वनवासी समुदायों को अनेक लाभ मिलते हैं। प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
- वन धन केंद्रों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से 15 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।
- वन उत्पादों के मूल्यवर्धन के द्वारा समुदाय को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
- आदिवासी समुदाय के सदस्यों को वन उत्पादों के मूल्यवर्धन, प्रसंस्करण और विपणन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
- यह योजना स्थानीय वन उत्पादों के ब्रांडिंग और विपणन के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा देती है।
- इस योजना के माध्यम से देश भर में लगभग 50,000 वन धन योजना केंद्र खोलने का लक्ष्य बनाया गया है।
- प्रत्येक केंद्र में लगभग 15 समूहों का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक समूह में लगभग 20 सदस्य शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री वन धन योजना के लिए पात्रता मापदंड
इस योजना के लिए पात्रता निम्नानुसार है:
- राष्ट्रीयता: आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- लक्षित समूह: विशेषकर जनजातीय समुदाय के सदस्य इसके पात्र हैं।
- आयु सीमा: आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- अन्य मापदंड: सामुदायिक समूहों, स्व-सहायता समूहों के सदस्य इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री वन धन योजना की आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री वन धन योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- ऑनलाइन आवेदन : वनवासी समुदाय के लोग अपनी निकटतम जनजातीय कल्याण कार्यालय या TRIFED के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- सहायता और समर्थन : आवेदन के दौरान आवश्यक प्रशिक्षण, सहायताएँ और आवश्यक दस्तावेज़ों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
- समूह का पंजीकरण : इस योजना का लाभ लेने के लिए समूह का पंजीकरण आवश्यक है, जिसमें 15 से 20 सदस्य होना अनिवार्य है।
- वित्तीय सहायता प्राप्त करना : पंजीकरण के बाद, प्रत्येक समूह को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री वन धन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
इस योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड
- जन्म प्रमाणपत्र
- समूह पंजीकरण प्रमाणपत्र
- बैंक खाता विवरण
प्रधानमंत्री वन धन योजना का महत्व
प्रधानमंत्री वन धन योजना ने देश के जनजातीय समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे वन उत्पादों का मूल्यवर्धन होता है और स्थानीय उद्योगों को सशक्त बनाने में मदद मिलती है। यह योजना न केवल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक है, बल्कि वन क्षेत्रों में स्थिरता भी लाती है।
अन्य महत्वपूर्ण योजना :
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या इस योजना में गैर-जनजातीय सदस्य आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, यह योजना विशेषकर जनजातीय समुदाय के सदस्यों के लिए है।
वन धन केंद्र की स्थापना के लिए कितना समय लगता है?
वन धन केंद्र की स्थापना के लिए आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया में लगभग 2-3 महीने का समय लगता है।
क्या महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएँ हैं?
हां, इस योजना में महिला स्व-सहायता समूहों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है।
वन उत्पादों की बिक्री के लिए क्या सहायता मिलती है?
TRIFED के माध्यम से ब्रांडिंग और विपणन में सहायता प्रदान की जाती है।