Bihar Land Survey 2024: अगर ज़मीन आपके पिताजी या दादाजी के नाम हो तो घबराएँ नहीं, इन तरीकों से भी करवा सकते है भूमि सर्वे
Bihar Land Survey 2024: भारत के विभिन्न राज्यों में जमीन के कागजात को अद्यतन करने और जमीनी रिकॉर्ड को सटीक बनाने के लिए समय-समय पर भूमि सर्वेक्षण होते हैं। भूमि संबंधी मामलों में स्वामित्व के स्पष्ट प्रमाण से विवाद और असुविधाओं से बचने में आसानी होती है। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण का कार्य 2024 में शुरू किया है, जिसका उद्देश्य भू-स्वामित्व की पुष्टि और वास्तविक मालिकों के नाम पर संपत्ति का रिकॉर्ड तैयार करना है।
इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी जिलों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना और अद्यतन करना है। यह सर्वेक्षण 1910 के बाद पहली बार किया जा रहा है ताकि पिछले 100 वर्षों में हुए भूमि परिवर्तन को दर्ज किया जा सके। इस सर्वे से जहां भूमि विवादों को कम करने में मदद मिलेगी, वहीं लोगों को अपनी जमीन के सही दस्तावेज भी मिल सकेंगे।
बिहार में भूमि का रिकॉर्ड कई बार पुराने कागजातों, पीढ़ियों से चले आ रहे दस्तावेजों या पुश्तैनी नामों पर टिका होता है। ऐसे में जब जमीन पिता, दादा, या परदादा के नाम पर हो, तो भूमि सर्वेक्षण करवाने या अपने नाम पर दर्ज करवाने की प्रक्रिया जटिल लग सकती है। इस भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य इन समस्याओं को दूर करना है और बिहार में पारदर्शिता बनाए रखना है।
Contents
Bihar Land Survey में शामिल होने के लिए आवश्यक दस्तावेज –
Bihar Land Survey 2024 में शामिल होने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होती है, ताकि सर्वे प्रक्रिया के दौरान आपकी भूमि का सही रिकॉर्ड तैयार हो सके।
- खाता और खेसरा नंबर: जमीन की पहचान के लिए खाता और खेसरा नंबर का होना आवश्यक है। यह आपकी भूमि का यूनिक रिकॉर्ड बनाता है।
- पहचान पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी, या पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र आवश्यक हैं, जिससे आपकी पहचान सत्यापित की जा सके।
- जमीन से संबंधित पुराने कागजात: पुराने दस्तावेज़ जैसे रसीद, म्यूटेशन प्रमाणपत्र, रजिस्ट्री दस्तावेज़, इत्यादि प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है। यह भूमि के स्वामित्व का प्रमाण होते हैं।
- वंशावली प्रमाणपत्र: यदि जमीन पुश्तैनी है और किसी पूर्वज के नाम पर दर्ज है, तो वंशावली प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि आपके उत्तराधिकार का प्रमाण हो सके।
- वारिसान प्रमाण पत्र: भूमि का नामांतरण करवाने के लिए वारिसान प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
पुराने नाम पर दर्ज जमीन का सर्वे कराने की प्रक्रिया
यदि आपकी भूमि अभी भी आपके पिता, दादा या पूर्वजों के नाम पर पंजीकृत है, तो निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:
- स्व-घोषणा प्रपत्र जमा करें: सर्वे में भाग लेने वाला आवेदक को एक स्व-घोषणा प्रपत्र तैयार करना होगा जिसमें भूमि के वर्तमान मालिक का विवरण शामिल हो।
- उपलब्ध दस्तावेज संलग्न करें: जमीन से संबंधित जो भी पुराने दस्तावेज हों, उन्हें स्व-घोषणा पत्र के साथ संलग्न करें।
- वंशावली प्रमाण प्रदान करें: पारिवारिक वृक्ष या वंशावली प्रमाण पत्र प्रदान करके दिखाएं कि आप उस व्यक्ति के उत्तराधिकारी हैं जिसके नाम पर भूमि पंजीकृत है।
- गवाह प्रस्तुत करें: यदि संभव हो तो गांव के प्रतिष्ठित किन्हीं दो व्यक्तियों को गवाह के रूप में प्रस्तुत करें जो आपके दावे की पुष्टि कर सकें।
- सर्वे कार्यालय में जमा करें: सर्वे से सम्बन्धित सभी दस्तावेज़ और आवेदन पत्र को एकत्र करें और उन्हें स्थानीय सर्वे कार्यालय में जमा करें।
जमीन को अपने नाम पर करवाने की प्रक्रिया
Bihar Land Survey 2024 में जमीन को अपने नाम पर करवाने की प्रक्रिया सरल है और इसे “म्यूटेशन” (नामांतरण) कहा जाता है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी की जा सकती है:
- दस्तावेज़ जमा करें: सबसे पहले, जमीन से संबंधित पुराने दस्तावेज़ जैसे खतियान, खेसरा, और मालगुजारी रसीदों को इकट्ठा करें। यदि जमीन दादा, परदादा या पिता के नाम पर है, तो वंशावली प्रमाण (जैसे उत्तराधिकार प्रमाण पत्र) भी आवश्यक है।
- म्यूटेशन के लिए आवेदन: तहसील या अंचल कार्यालय में जाकर म्यूटेशन के लिए आवेदन पत्र भरें। इसमें जमीन का खाता नंबर, खेसरा नंबर और आपके व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम और पता भरें।
- आवश्यक शुल्क जमा करें: म्यूटेशन के लिए आवेदन पत्र के साथ निर्धारित शुल्क जमा करें।
- दस्तावेज़ सत्यापन: आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज़ जैसे पहचान पत्र (आधार कार्ड), उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, और भूमि कर रसीदें जमा करें।
- सर्वे और सत्यापन: तहसीलदार द्वारा दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी, और भूमि की माप-तोल और स्थिति का सत्यापन किया जाएगा।
- नामांतरण और रिकॉर्ड अपडेट: अगर सभी दस्तावेज़ सही पाए जाते हैं, तो भूमि रिकॉर्ड में आपके नाम पर म्यूटेशन कर दिया जाएगा और आपको नई भूमि रसीदें मिलेंगी।
Bihar Land Survey में भाग लेने के लिए क्या करें?
Bihar Land Survey में भाग लेने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- दस्तावेज तैयार रखें: सर्वे में भाग लेने से पहले, जमीन के सभी पुराने दस्तावेज़ जैसे खतियान, खेसरा, भूमि रसीद, और मालगुजारी रसीद इकट्ठा करें। अगर जमीन पुश्तैनी नामों पर है, तो वंशावली प्रमाण जैसे उत्तराधिकार प्रमाण पत्र भी आवश्यक होगा।
- ऑनलाइन आवेदन: बिहार भू-अभिलेख एवं सर्वेक्षण विभाग की वेबसाइट पर जाकर भूमि सर्वेक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म को सही जानकारी के साथ भरें और आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
- स्थानीय कार्यालय में संपर्क करें: अगर ऑनलाइन आवेदन कठिनाईपूर्ण लगे, तो आप अपने निकटतम अंचल या तहसील कार्यालय में जाकर भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। वहाँ भूमि सर्वेक्षण के लिए आवश्यक आवेदन पत्र भर सकते हैं और दस्तावेज जमा कर सकते हैं।
- सर्वे टीम के संपर्क में रहें: सर्वे के दौरान, भूमि सर्वे टीम द्वारा आपकी जमीन की माप-तोल की जाएगी। इस समय, सभी आवश्यक कागजात लेकर उपस्थित रहें और टीम को सहयोग करें ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।
- अपडेट की जांच करें: सर्वे के बाद, स्थानीय कार्यालय या वेबसाइट पर जाकर भूमि रिकॉर्ड की अद्यतन जानकारी अवश्य जांचें।
Bihar Land Survey से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- यह भूमि सर्वे 114 साल बाद हो रहा है.
- इसमें करीब 45,000 गांव शामिल होंगे.
- सरकार ने इस काम के लिए 10,000 से ज्यादा अधिकारियों को नियुक्त किया है.
- भूमि सर्वेक्षण जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
- इस सर्वेक्षण से भूमि संबंधी अपराधों में कमी आने की उम्मीद है.
Articles worth reading –
FAQs
क्या सर्वेक्षण के लिए आवेदन शुल्क है?
सरकारी नियमानुसार नामांतरण या अद्यतन के लिए मामूली शुल्क हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
अगर जमीन विवादित है तो क्या होगा?
यदि जमीन पर विवाद है, तो पहले उसका निपटारा अदालत के माध्यम से करना होगा। सर्वेक्षण के समय विवादित जमीन का मालिकाना हक दर्ज नहीं किया जाएगा।
सर्वे के बाद कब तक जमीन अपने नाम पर आ जाती है?
सर्वे प्रक्रिया के पूरा होने के बाद आमतौर पर कुछ महीनों में जमीन के रिकॉर्ड अपडेट किए जाते हैं।